ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॥ ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय। बगलामुखी गायत्री मंत्र का जाप कौन कर सकता है? Incense sticks and camphor: This stuff are employed for doing aarti and developing a https://www.youtube.com/shorts/CT7LdpA1l6g
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